इमारते रोज गिरती है
फिर नई बन जाती है
वो इंसानी तामीर है
पर जिंदगी गिरती है
तो फिर बिखर जाती है
क्यों की वो खुदा की तामीर है
Sunday, December 6, 2009
Monday, April 21, 2008
सुकून नहीं मिलाता
कुछ नसीब ऐसे भी है जिन्हें सुकून नहीं मिलता,
तपते रेगिस्तानों में प्यासे को दरिया नहीं मिलता ,
झुलजती धुप में राही को द्रक्हतो के साये नहीं मिलता ,
कुछ नसीब ऐसे भी है जिन्हें शुकुन नहीं मिलता
तूफानों में घिरे मुसाफिर को किनारा नहीं मिलता ,
भंवर में फसे लोगो को जीवन नहीं मिलता,
कुछ नसीब ऐसे है जिन्हें शुकुन नहीं मिलता ,
अगरचे खवाहिशकरे दोस्ती कि दोस्त नहीं मिलाता,
मकान मील जाता है घर नहीं मिलता ,
रिश्तो कि भीड़ बहुत मिलती है अपना कहा सके वो रिश्ता नहीं मिलता ,
कुछ बदनसीब ऐसे भी है जिन्हें दिल से शुकुन नहीं मिलता
तपते रेगिस्तानों में प्यासे को दरिया नहीं मिलता ,
झुलजती धुप में राही को द्रक्हतो के साये नहीं मिलता ,
कुछ नसीब ऐसे भी है जिन्हें शुकुन नहीं मिलता
तूफानों में घिरे मुसाफिर को किनारा नहीं मिलता ,
भंवर में फसे लोगो को जीवन नहीं मिलता,
कुछ नसीब ऐसे है जिन्हें शुकुन नहीं मिलता ,
अगरचे खवाहिशकरे दोस्ती कि दोस्त नहीं मिलाता,
मकान मील जाता है घर नहीं मिलता ,
रिश्तो कि भीड़ बहुत मिलती है अपना कहा सके वो रिश्ता नहीं मिलता ,
कुछ बदनसीब ऐसे भी है जिन्हें दिल से शुकुन नहीं मिलता
Sunday, March 16, 2008
Monday, February 25, 2008
Tuesday, January 22, 2008
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